किसानों के घर पर नोटों की गड्डियाँ बिछा देगी इस फल की खेती! मार्केट में रहती है इसकी भयंकर डिमांड , केले की खेती भारत में एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है। यह एक लाभदायक फसल है और इसका उपयोग खाद्य, औषधि और अन्य उद्योगों में किया जाता है। यदि आप केले की खेती शुरू करने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती है।
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केले की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
- जलवायु: केला उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ता है। इसे उच्च तापमान और अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
- मिट्टी: केले के लिए गहरी, उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का pH 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
केले की विभिन्न किस्में
केले की कई किस्में उपलब्ध हैं, जैसे:
- राजेंद्र चोखा: यह एक लोकप्रिय किस्म है जो अच्छी पैदावार देती है।
- सुरखी: यह किस्म अपनी मीठी स्वाद के लिए जानी जाती है।
- मिश्री: यह एक छोटी किस्म है जो घर के बगीचे में उगाने के लिए उपयुक्त है।
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केले की खेती के चरण
- जमीन की तैयारी: खेती से पहले जमीन को अच्छी तरह से जोतें और खाद डालें।
- पौधे लगाना: पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय बारिश के मौसम के बाद होता है। पौधों को एक-दूसरे से 2-3 मीटर की दूरी पर लगाएं।
- सिंचाई: केले को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है।
- खाद: केले को समय-समय पर उर्वरक डालते रहें।
- कीट और रोग नियंत्रण: केले को कई कीट और रोगों से बचाना होता है। इसके लिए उचित कीटनाशकों और कवकनाशकों का उपयोग करें।
- कटाई: केले तब तैयार होते हैं जब वे पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं और पीले रंग के हो जाते हैं।
केले की खेती के फायदे
- अच्छी आय: केले की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है।
- पोषक तत्वों से भरपूर: केले में कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि विटामिन, खनिज और फाइबर।
- बहुउपयोगी फसल: केले का उपयोग खाद्य, औषधि और अन्य उद्योगों में किया जाता है।