लाल ट्रैन और नीली ट्रैन में क्या है अंतर? कोनसी ट्रैन ज्यादा सुरक्षित, जाने। आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है। ट्रेनों के रंगों को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं। आइए जानते हैं लाल और नीली ट्रेनों में क्या अंतर होता है और कौन सी ट्रेन ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है:
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लाल ट्रैन और नीली ट्रैन में क्या है अंतर?
- ICF और LHB कोच: भारतीय रेल में मुख्य रूप से दो तरह के कोच होते हैं – ICF (Integral Coach Factory) और LHB (Linke Hofmann Busch)।
- लाल रंग के कोच: ज्यादातर ICF डिज़ाइन के होते हैं। ये पुराने डिज़ाइन के होते हैं और इनकी संरचना भी LHB कोच की तुलना में थोड़ी कम मजबूत होती है।
- नीले रंग के कोच: ज्यादातर LHB डिज़ाइन के होते हैं। ये नए डिज़ाइन के होते हैं और इनकी संरचना ICF कोच की तुलना में ज्यादा मजबूत होती है। LHB कोच हल्के होते हैं और इनमें बेहतर एयर कंडीशनिंग सिस्टम होता है।
- सुरक्षा: LHB कोच (नीले रंग के) ICF कोच (लाल रंग के) की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। इसका कारण यह है कि LHB कोच की संरचना ज्यादा मजबूत होती है और ये दुर्घटनाओं में कम क्षतिग्रस्त होते हैं। LHB कोच में एंटी-क्लाइंबिंग फीचर भी होता है, जिससे दुर्घटना की स्थिति में एक कोच दूसरे कोच पर चढ़ नहीं पाता है।
कौन सी ट्रेन ज्यादा सुरक्षित?
जैसा कि ऊपर बताया गया है, LHB कोच (नीले रंग के) ICF कोच (लाल रंग के) की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। हालांकि, यह कहना कि लाल रंग की कोई भी ट्रेन असुरक्षित है, यह गलत होगा। कई कारक सुरक्षा को प्रभावित करते हैं, जैसे कि रखरखाव, चालक की सावधानी, ट्रैक की स्थिति आदि।
निष्कर्ष:
- रंग: ट्रेन का रंग सिर्फ एक संकेत है कि वह किस तरह के कोच से बनी है।
- सुरक्षा: LHB कोच (नीले रंग के) ICF कोच (लाल रंग के) की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं।
- अन्य कारक: ट्रेन की सुरक्षा कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है।