गाड़ी के टायरों का रंग काला ही क्यों जबकि रबर का रंग सफ़ेद? जाने इसके पीछे की वजह

गाड़ी के टायरों का रंग काला ही क्यों जबकि रबर का रंग सफ़ेद? जाने इसके पीछे की वजह, आपने बहुत अच्छा सवाल पूछा है! हम सभी गाड़ियों के काले टायर देखते हैं, लेकिन शायद कम ही लोग जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है, जबकि रबर का रंग सफेद होता है।

ये भी पढ़े- कुछ ही मिनटों में घर में पड़े बेकार कपड़ो से मजबूत रस्सी बनाने का आसान तरीका, देखे वीडियो

इसका मुख्य कारण है कार्बन ब्लैक.

  • कार्बन ब्लैक क्या है? यह एक बेहद महीन काला पाउडर होता है, जिसे कच्चे तेल को गर्म करके बनाया जाता है। इसे रबर में मिलाने से टायरों को कई फायदे होते हैं:
    • स्थायित्व: कार्बन ब्लैक टायरों को गर्मी, घर्षण और पहनने से बचाता है, जिससे उनकी उम्र लंबी हो जाती है।
    • मजबूती: यह टायरों को अधिक मजबूत बनाता है, जिससे वे भारी वजन सहन कर सकते हैं।
    • लचीलापन: कार्बन ब्लैक टायरों को लचीला बनाता है, जिससे वे सड़क के उबड़-खाबड़ हिस्सों को आसानी से पार कर सकते हैं।
    • गर्मी का प्रतिरोध: कार्बन ब्लैक टायरों को गर्मी का प्रतिरोध करने में मदद करता है, जिससे टायर फटने का खतरा कम हो जाता है।
  • क्यों नहीं होते अन्य रंग? अन्य रंगों के मुकाबले काला रंग सूर्य की किरणों को अधिक अवशोषित करता है। इससे टायर गर्म हो जाते हैं और गर्मी को सड़क पर स्थानांतरित करते हैं, जिससे टायरों का तापमान कम रहता है। यह टायरों के जीवन को बढ़ाने में मदद करता है।

ये भी पढ़े- इंजीनियरिंग करने का हो रहा पछतावा! तो RRB Railway लेकर आया 7951 पदों पर भर्ती, आवेदन फीस भी मिलेगी वापिस खाते में…

तो, संक्षेप में:

  • टायरों को मजबूत, टिकाऊ और लचीला बनाने के लिए रबर में कार्बन ब्लैक मिलाया जाता है।
  • कार्बन ब्लैक का रंग काला होता है, इसलिए टायर भी काले हो जाते हैं।
  • काला रंग सूर्य की किरणों को अधिक अवशोषित करता है, जिससे टायरों का तापमान कम रहता है और उनका जीवन बढ़ जाता है।

Leave a Comment