अल्लाहाबादी आम को भूल जाओ, ये गजब गुआवा किस्में लगाओ और मुनाफा कमाओ

अल्लाहाबादी आम को भूल जाओ, ये गजब गुआवा किस्में लगाओ और मुनाफा कमाओ अल्लाहाबादी आम की तरह ही गुआवा भी अपनी खासियत के लिए जाना जाता है। खासकर अल्लाहाबादी गुआवा तो दुनियाभर में अपने स्वाद और खुशबू के लिए मशहूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अल्लाहाबादी गुआवा के अलावा भी कई ऐसी खास किस्में हैं, जिनकी खेती करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं? आइए जानते हैं इन खास किस्मों के बारे में:

1. पंत प्रभात:

जब भी गुआवा की सबसे अच्छी किस्म की बात होती है तो सबसे पहले पंत प्रभात का नाम आता है। यह एक बहुत ही अनोखी किस्म है। इस किस्म को कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर ने विकसित किया है। जब यह किस्म का गुआवा पक जाता है तो इसका ऊपरी हिस्सा पीला हो जाता है। वहीं गूदे का रंग सफेद रहता है। एक पंत प्रभात के पेड़ से 120 किलो तक गुआवा का उत्पादन किया जा सकता है।

2. श्वेता किस्म:

श्वेता भी गुआवा की एक विशेष किस्म है। इसे सीआईएसएच लखनऊ ने विकसित किया है। किसानों के लिए इस किस्म की खेती फायदेमंद होगी। श्वेता किस्म के गुआवा के पेड़ की ऊंचाई कम होती है। 6 साल के पेड़ से आप 90 किलो तक गुआवा तोड़ सकते हैं। इसके एक फल का वजन 225 ग्राम तक होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके फल कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं।

3. लखनऊ-49:

लखनऊ-49 किस्म के गुआवा के पेड़ छोटे आकार के होते हैं। लेकिन इसका फल बहुत मीठा और स्वादिष्ट होता है। लखनऊ-49 गुआवा उत्पादन के मामले में भी बेजोड़ है। इसके एक पेड़ से 130 से 155 किलो तक गुआवा का उत्पादन किया जा सकता है। यह किसानों के बीच काफी लोकप्रिय किस्म है।

4. थाई गुआवा:

थाई गुआवा एक विदेशी किस्म है। इसके पौधों पर बहुत कम समय में फल लगने शुरू हो जाते हैं। इसके गुआवे की कीमत अधिक होती है। थाई गुआवा जल्दी खराब नहीं होता है। इसे तोड़ने के बाद आप इसे 12 से 13 दिन तक स्टोर कर सकते हैं। 4 से 5 साल बाद एक पेड़ 100 किलो तक फल देने लगता है।

अल्लाहाबादी आम को भूल जाओ, ये गजब गुआवा किस्में लगाओ और मुनाफा कमाओ

5. ललित:

ललित गुआवा की एक बेहतरीन किस्म है। इसे सीआईएसएच लखनऊ ने विकसित किया है। इसके फल का वजन 200 ग्राम तक हो सकता है। इसका रंग केसरिया होता है। हालांकि, गूदे का रंग गुलाबी होता है। इसके 6 साल के पेड़ से आप 100 किलो तक गुआवा तोड़ सकते हैं। यह किस्म गुआवा की खेती करने वाले किसानों के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।

Leave a Comment