नीली फसल की खेती से होंगे बैंक अकाउंट फूल, आजमा कर देखो इस फसल पर अपना हाथ, जानिए इस फसल का नाम।
नमस्ते दोस्तों आज आपके लिए हम लोग एक नीली फसल के खेती के बारे में बात करने जा रहे हैं पर जी नीली फसल की खेती करें बात करने जा रहे हैं उसे फसल का नाम नीली हल्दी की खेती है क्या आप जानते हैं की नीली हल्दी भी होती है चलिए जानते हैं नीली हल्दी के क्या-क्या फायदे हैं और किस तरह से किस नीली हल्दी की करते हैं खेती।
नीली हल्दी के फायदे
- नीली हल्दी का इस्तेमाल दवा बनाने और कॉस्मेटिक बनाने में किया जाता है.
- नीली हल्दी का इस्तेमाल निमोनिया, खांसी, बुखार, और अस्थमा में किया जाता है.
- नीली हल्दी पाचन में सुधार करती है, सूजन को कम करती है, और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा से राहत देती है.
- नीली हल्दी में पाचन तंत्र में हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए जीवाणुरोधी गुण होते हैं.
- माथे पर नीली हल्दी का लेप लगाने से माइग्रेन की समस्या से राहत मिलती है.
नीली हल्दी की खेती
पीली हल्दी की खेती करना काफी ज्यादा आसान होता है नील हल्दी की तुलना में पीली हल्दी से ज्यादा फायदेमंद होती नीली हल्दी इसके लिए यह आवश्यक होता है कि उचित मिट्टी का चयन किया जाए और नीली हल्दी की खेती करने के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी भूरबारी मिट्टी और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है और आपको बता दे की नीली हल्दी को पानी से बचाना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है पीली हल्दी के लगाने के लिए बी और जड़ों की जरूरत होती है जो कि उसके जरिए लगाया जाता है खेतों को तैयार करने का लगा दिया जाता है इसको होने में करीबन 4 से 5 महीने का समय लगता है।
नीली हल्दी से होने वाली कमाई
कमाई की बात की जाए तो नीली हल्दी से काफी अच्छी कमाई आपको देखने को मिलेगी जैसा कि आपको बता दे की एक एकड़ में लगभग आपको 12 से 15 किटल तक नीली हल्दी का उत्पादन देखने को मिलेगा नीली हल्दी की खेती करने वाले किसानों को आप काफी अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं शुरू कीजिए नीली हल्दी की खेती । दीदी हल्दी की कीमत की बात की ज्यादा 500 से ₹3000 प्रति किलो मिलती है बाजार में।