जंगली पौधे सबसे ज्यादा ताकतवर, क्या आप जानते है, इस पौधे से किसान बनते है धन्ना सेठ, जानिए इस पौधे का नाम
जंगली पौधे सबसे ज्यादा ताकतवर, क्या आप जानते है, इस पौधे से किसान बनते है धन्ना सेठ, जानिए इस पौधे का नाम।
इस पौधे के फायदे कई तरह की इस पौधे में आपको ताकत देखने को मिलेगी। और आपको बता दे की बहुत कम लोग इस पौधे के बारे में जानते है पर बहुत लोग जो शहरी तौर पर इस पौधे को नहीं जानते है। पर आपको बता दे की कई लोग बहुत परेशान रहते है अपने स्वस्थ को लेकर डॉक्टर को दिखने के बाद भी कोई असर नहीं हुआ। पैसा अलग ख़राब हुआ है। अगर आप इस पौधे का रस का सेवन करते है तो आपको कई तरह से आपको लाभ मिलेगा। इस पौधे का नाम अतिबला का पौधा है।
अतिबला पौधे फायदे
अतिबला के पौधे कई तरह की बीमारी में कम आते है जैसे की मनुष्य की आयु, शरीर का बल, चमक और यौनशक्ति को बढ़ाती ,पुरुष यौन प्रदर्शन के समुचित कार्य में मदद मिलती है। और आपको बता दे की इस पड़े से कुछ वायरस भी दूर होते है जैसे की बुखार, एलर्जी, संक्रमण, सिरदर्द, भी ठीक होते है। और साथ ही पथरी में फायदेमंद अर्थराइटिस में मददगार है और अल्सर और बवासीर जैसी बीमारियों में अतिबला का उपयोग फायदेमंद माना जाता है।
खेती कैसे की जाती है
भूमि और जलवायु का चयन
- अतिबला का पौधा गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। यह 25°C से 40°C तक के तापमान में अच्छा उगता है।
- इस पौधे को मृदा में अच्छी जल निकासी वाली, हल्की बलुई या दोमट मिट्टी में उगाना उत्तम रहता है। यह पौधा खराब और उपेक्षित भूमि पर भी उग सकता है।
- अतिबला पानी की अधिकता को सहन नहीं करता, इसलिए खेत में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए।
बीज या कलम द्वारा
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- बीज द्वारा प्रचार बीजों को एक गहरे बर्तन में रखकर उन्हें मिट्टी में बोते हैं। बीजों को हल्के से दबा दें और हल्का पानी दें। बीज अंकुरित होने में 1 से 2 सप्ताह लग सकते हैं।
- कलम द्वारा प्रचार पौधे की शाखाओं से कटिंग ले कर उन्हें सीधे मिट्टी में लगा सकते हैं। कलम लगाने से पौधा जल्दी बढ़ता है।
भूमि की तैयारी
- खेत को अच्छे से जुताई करें और उसे समतल बनाएं।
- मिट्टी में अच्छी जैविक खाद (गोबर की खाद या कंपोस्ट) मिलाएं, ताकि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।
- खेत में 2-3 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं, ताकि पौधों को पर्याप्त जगह मिल सके और वे अच्छी तरह से विकसित हो सकें।
सिंचाई
- अतिबला के पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह शुष्क जलवायु में भी उग सकता है। हालांकि, रोपाई के पहले कुछ हफ्तों तक पौधों को नियमित पानी देना चाहिए।
- एक बार जब पौधे स्थापित हो जाएं, तो उन्हें अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती। बस मौसम के हिसाब से पानी देना चाहिए।
खाद और उर्वरक
- अतिबला के पौधों को अधिक उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन शुरुआती विकास में जैविक खाद या कम्पोस्ट देने से पौधों की वृद्धि बेहतर हो सकती है।
- समय-समय पर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित मिश्रण उपयोग किया जा सकता है, ताकि पौधों का स्वास्थ्य सही बना रहे।
पौधों की देखभाल
- अतिबला के पौधे को मजबूत बनाने के लिए उनकी शाखाओं की छंटाई की जा सकती है।
- पौधों की बढ़त के साथ-साथ समय-समय पर पानी देना और खाद देना सुनिश्चित करें।
फसल की कटाई
- अतिबला के पौधे आमतौर पर 3-4 महीने में तैयार हो जाते हैं, और उन्हें पत्तियां, फूल और बीज प्राप्त करने के लिए काटा जा सकता है।
- इसकी पत्तियों और फूलों का औषधीय उपयोग किया जाता है। बीजों का भी उपयोग औषधीय रूप से किया जाता है।
- अतिबला के फूल और पत्तियां जब पूर्ण रूप से विकसित हो जाएं, तो इन्हें हाथों से तोड़ा जा सकता है।
कमाई
कमाई की बात की जाये तो इस फल की खेती आपको काफी अच्छा पैसा कमा कर दे सकती है। इस फल की कीमत बाजार में 500 रूपये है। जो की आम लोग इस फल को नहीं खरीद पते है। एक से दो एकड़ तक में इस फल की खेती कर सकते है। जिससे आप काफी तगड़ा मुनाफा कमा सकते है।
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