खेतों में फसलों को कीटों से बचाने salt in the field और पैदावार बढ़ाने के लिए किसान कई तरह की दवाइयां और खाद डालते हैं, ये तो आपने देखा होगा। लेकिन इन दिनों कई इलाकों में किसान उत्पादन बढ़ाने और फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए नमक का इस्तेमाल कर रहे हैं. मगर ऐसा करना फसल के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. इससे मिट्टी में खारापन बढ़ता जा रहा है और लगातार नमक डालने से जमीन बंजर भी हो सकती है.
एक तरफ जहां खेतों में बड़े पैमाने पर मूंगफली की बुवाई हुई है, वहीं बारिश के बाद खेतों में खड़ी मूंगफली की फसल में जड़ गलन की बीमारी देखी जा रही है. इससे पौधे की जड़ सड़कर काली पड़ जाती है और सूख जाती है. इस बीमारी से बचने के लिए जानकारी ना होने के कारण किसान खेत में बेधड़क नमक डाल रहे हैं, लेकिन नमक डालने से बीमारी दूर होने की बजाय मिट्टी को ही नुकसान पहुंच रहा है.
salt in the field मिट्टी का तेजी से घुलना
आमतौर पर मिट्टी को घोलने में वक्त लगता है, लेकिन उसमें नमक मिला दिया जाए तो वो तेजी से घुलने लगती है. इसका इस्तेमाल ईंट बनाने वाले भट्टों में मिट्टी को तेजी से घोलने के लिए किया जाता है, लेकिन ये फायदे के साथ-साथ कई नुकसान भी पहुंचाता है. इससे ईंट बनाने वाले मजदूरों को भी त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं.
salt in the field बीजों के उपचार में फायदा
हालांकि, नमक से कुछ फायदे भी होते हैं. उदाहरण के तौर पर, धान के बीजों को नमक के घोल में रखने से अच्छे और मजबूत बीज अलग हो जाते हैं. साथ ही साथ कमजोर बीज भी अलग हो जाते हैं. बीजों को उपचारित करने के लिए 10 लीटर पानी में 1.750 किलो नमक डालकर घोल बनाया जाता है. इस घोल में अंडा तैरने लगे तो समझिए घोल सही से बन गया है. इसके बाद धान के बीजों को इस घोल में लगभग 1 घंटे के लिए भिगोकर रखा जाता है. इससे हल्के और कमजोर बीज ऊपर आ जाते हैं और नीचे गिरे हुए बीज अच्छे माने जाते हैं. 45 डिग्री तापमान में धूप में रखने से बीजों में मौजूद फंगस और बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं.