रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा है इसका इतिहास

रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा है इसका इतिहास, रक्षाबंधन का त्यौहार भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्यारा त्यौहार है। इसे भाई-बहन के प्यार और रिश्ते का प्रतीक माना जाता है।

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रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?, इसके कई कारण हैं:

  • भाई-बहन का प्यार: इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसकी रक्षा करने का वचन देता है। यह भाई-बहन के बीच प्यार, विश्वास और सुरक्षा का बंधन मजबूत करता है।
  • सुरक्षा और संरक्षण: राखी बांधने का अर्थ है कि बहन अपने भाई से सुरक्षा और संरक्षण की मांग करती है और भाई यह जिम्मेदारी लेता है।
  • शुभकामनाएं: इस दिन बहन अपने भाई के लिए खुशहाली और सफलता की कामना करती है।
  • पौराणिक कथाएं: रक्षाबंधन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जैसे कि द्रौपदी द्वारा कृष्ण को राखी बांधना। ये कथाएं रक्षाबंधन के महत्व को और अधिक बढ़ाती हैं।
  • सांस्कृतिक महत्व: रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह त्यौहार परिवार और समाज के बीच एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

रक्षाबंधन का भगवान कृष्ण और द्रौपदी से है नाता

इसके बाद द्रौपदी ने अपनी साड़ी को फाड़ कर भगवान श्री कृष्ण की उंगली में बांधा था. उस समय भी भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को इसके बदले में रक्षा करने का वचन दिया था. जिसके बाद जब द्रौपदी का चीर हरण होने लगा तब भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी की मान-सम्मान की रक्षा की थी.

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रक्षाबंधन मनाने के तरीके:

  • राखी बांधना: बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
  • तिलक लगाना: भाई बहन के माथे पर तिलक लगाता है।
  • उपहार देना: भाई बहन को उपहार देता है।
  • मिठाई खाना: परिवार के साथ मिलकर मिठाई खाई जाती है।
  • पूजा करना: कई लोग रक्षाबंधन के दिन पूजा भी करते हैं।

रक्षाबंधन का महत्व:

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्यौहार ही नहीं है, बल्कि यह एक भावना है। यह भाई-बहन के बीच प्यार, विश्वास और सुरक्षा का बंधन मजबूत करता है। यह परिवार और समाज के बीच एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

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