कौए का रंग काला ही क्यों? क्या इसके पीछे है कोई कहानी, जाने । कौए के काले रंग के पीछे कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि इन सभी कारणों का एक साथ योगदान हो। हालांकि, यह निश्चित रूप से कहना मुश्किल है कि कौए का रंग काला क्यों होता है। लेकिन पौराणिक कथाओ के अनुसार बताया गया है कि कौए का रंग काला ही क्यों जबकि पहले कौए का रंग सफ़ेद था। आइये जानते है….
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कौए का रंग काला ही क्यों? क्या इसके पीछे है कोई कहानी, जाने
पौराणिक कथाओं की माने तो कौवा जन्म के समय सफेद रंग का पैदा हुआ था। उस समय एक ऋषि मुनि ने कौवे को अमृत ढूंढकर लाने को कहा था। इसके साथ ही ऋषि ने कौए को चेतावनी दी कि वो अमृत लेकर सीधे आश्राम आए। वह गलती से भी अमृतपान ना करे। इसके बाद कौवा कई सालों तक अमृत की तलाश में घूमता रहा। एक दिन उसे अमृत मिल गया। लेकिन कौवा ऋषि की चेतावनी भूल गया और अमृत पीने की गलती कर बैठ। और बचा हुआ अमृत लेकर ऋषि के पास पहुंचा गया।
जब कौवा अमृत लेकर ऋषि के पास पहुंचा तो उसने अमृत पीने की कहानी ऋषि को बताई इसके बाद ऋषि क्रोधित हो उठे, उन्होंने अमृत के अशुद्ध बताकर कौवे को श्राप दे दिया। उन्होंने कौवे पर काले कमंडल का पानी छिड़कते हुए कहा कि अब से लोग कौवे से घृणा करेंगे और उसे अशुभ मानेंगे। इसके बाद से कौए काले रंगे के हो गए। बात दें कि पितृ पक्ष माह के दौरान ही कौवों की पूछपरख होती है। इसके बाद कौवों को अशुभ माना जाता है।