भारत में देसी गायों की बात हो, तो गिर गाय का नाम सबसे पहले आता है। इसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता के चलते ये पूरी दुनिया में मशहूर है। आजकल, भारत के अलावा कई देशों के किसान भी इसे पाल रहे हैं। गिर गाय के दूध की कीमत अन्य नस्लों की तुलना में काफी ज़्यादा होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफ़ा होता है। आइए, गिर गाय पालन के फ़ायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर दूध
वैज्ञानिकों का मानना है कि गिर गाय की बनावट अन्य नस्लों से अलग होती है, और इसके दूध में पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है। गिर गाय के दूध में ए2 बीटा-केसीन प्रोटीन होता है, जबकि कई अन्य नस्लों की गायों के दूध में ए1 प्रोटीन पाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, ए2 प्रोटीन वाला दूध आसानी से पच जाता है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, वसा और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होते हैं।
दूध की ऊंची कीमत
गुजरात के गिर जंगलों की ये गाय अब दुनियाभर में मशहूर हो चुकी है। इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण है इसकी दूध देने की क्षमता, जो 10 से 12 लीटर प्रति दिन तक होती है। इसके दूध की गुणवत्ता इतनी अच्छी होती है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार के कुछ जिलों में इसकी कीमत 100-120 रुपये प्रति लीटर तक होती है। मध्यम आकार की इस गाय की पूंछ लंबी और माथा पीछे की ओर झुका हुआ होता है। इसके सींग मुड़े हुए होते हैं और शरीर पर धब्बे होते हैं, जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है।
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आसान पालन-पोषण
इस गाय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी जलवायु और वातावरण में आसानी से ढल जाती है। इसे पालने के लिए ज़्यादा देखभाल की भी ज़रूरत नहीं होती। यह गाय कंक्रीट के फर्श की जगह साधारण मिट्टी के फर्श पर भी आराम से रह सकती है। किसी भी मौसम में यह खुद को ढाल लेती है और मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहती है। बस ध्यान इस बात का रखना चाहिए कि इनके खाने में कोई कमी न हो।