ऐसी-वैसी छोड़िये और शुरू करे इस खास नस्ल की बकरी का पालन, इसे पालना बेहद आसान, कीमत भी लाखो में…

बरबरी नस्ल की बकरी भारत में बकरी पालन के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गई है। इसकी उच्च दूध उत्पादन क्षमता, तेजी से वजन बढ़ाने की क्षमता और अनुकूलन क्षमता के कारण किसानों के बीच इसकी काफी मांग है।

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बरबरी नस्ल की खासियतें

  • उच्च दूध उत्पादन: ये बकरियां दूध की अच्छी मात्रा देती हैं और दूध में वसा और प्रोटीन का उच्च स्तर होता है।प्रतिदिन दूध की औसत पैदावार 1.5-2.0 किलो होती है
  • तेजी से वजन बढ़ाना: बरबरी नस्ल की बकरियां बहुत जल्दी वजन बढ़ाती हैं, जिससे किसानों को कम समय में अधिक लाभ होता है।
  • अधिक प्रजनन क्षमता: ये बकरियां एक बार में कई बच्चे देती हैं, जिससे बकरी की संख्या तेजी से बढ़ती है।
  • अनुकूलन क्षमता: ये बकरियां विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में आसानी से ढल जाती हैं।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: इनमें रोगों से लड़ने की अच्छी क्षमता होती है।

बरबरी नस्ल का पालन कैसे करें?

  • अच्छी गुणवत्ता वाली बकरियां खरीदें: एक स्वस्थ और उत्पादक झुंड के लिए, अच्छी गुणवत्ता वाली बकरियां खरीदना महत्वपूर्ण है।
  • संतुलित आहार: बकरियों को पौष्टिक आहार देना चाहिए, जिसमें हरा चारा, सूखा चारा, और खनिज और विटामिन पूरक शामिल हों।
  • स्वच्छता: बकरियों के रहने की जगह को साफ और स्वच्छ रखना आवश्यक है।
  • वेतन: बकरियों को नियमित रूप से टीका लगाना चाहिए और बीमारियों के लिए उनकी जांच करानी चाहिए।
  • प्रबंधन: बकरियों का उचित प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें बकरियों की देखभाल, प्रजनन, और दूध निकालना शामिल है।

बरबरी बकरी की मुख्य पहचान:

  • शारीरिक बनावट:
    • लंबे कान
    • बड़े, चमकदार आँखें
    • लंबा और मजबूत शरीर
    • छोटी पूंछ
    • मजबूत पैर
  • रंग:
    • सफेद, भूरा, काला या इन रंगों का मिश्रण
    • अक्सर चेहरे और पैरों पर काले धब्बे होते हैं
  • सिर:
    • सिर का आकार मध्यम होता है और थोड़ा उत्तल होता है।
    • नाक चौड़ी और थोड़ी उभरी हुई होती है।
  • सिंग:
    • दोनों लिंगों में छोटे और मजबूत सींग होते हैं।

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बरबरी नस्ल पालन के लाभ

  • आर्थिक लाभ: दूध और मांस की बिक्री से किसानों को अच्छी आय होती है। इसके अलावा इसकी कीमत लाखो में होती है।
  • रोजगार सृजन: बकरी पालन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
  • पोषण: बकरी का दूध और मांस पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  • पर्यावरण संरक्षण: बकरियां घास चरकर पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद करती हैं।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

  • बरबरी नस्ल की उत्पत्ति: माना जाता है कि बरबरी नस्ल की उत्पत्ति उत्तरी अफ्रीका में हुई थी।
  • भारत में बरबरी नस्ल: भारत में बरबरी नस्ल को कई राज्यों में पाला जाता है, जैसे कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश।
  • सरकारी योजनाएं: सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनके तहत किसानों को सब्सिडी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

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