ये दाना बापों का बाप, अंग-अंग में भर देगा ताकत, इंसुलिन का कारखाना बढ़ेगी दिमाग की शक्ति, जाने इस दाने का नाम
ये दाना बापों का बाप, अंग-अंग में भर देगा ताकत, इंसुलिन का कारखाना बढ़ेगी दिमाग की शक्ति, जाने इस दाने का नाम।
दोस्तो आज आपके लिए बहुत ही तगड़ा ड्राई फ्रूट लेकर आये है। जो कि शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं ये ड्राई फ्रूट बाहर के देशों में पाया जाता है अपने भारत में यह ड्राई फ्रूट बहुत ही कम पाया जाता है तो चलिए जानते हैं इस ड्राई फ्रूट के बारे में, आपको सबसे खास बता दे की यह ड्राई फ्रूट के जो दाने बहुत ही फायदेमंद दाने यह ड्राई फ्रूट यह अन्य ड्राई फ्रूट को इसने बहुत ही शानदार तरीके से दी है टक्कर क्योंकि जो अपने नॉर्मल ड्राई फ्रूट खाते हैं जैसे कि काजू, बादाम, किशमिश यह सब ड्राई फ्रूट को इस ड्राई फ्रूट ने दे दिए टक्कर इस ड्राई फूड का नाम चिलगोजा ड्राई फ्रूट है। इसकी खेती कर काफी अच्छा खासा पैसा कमा सकते है।
फायदे
अगर ड्राई फ्रूट का डेली सेवन करने से न केवल आपके ताकत मिलेगी, बल्कि आपमें एक अलग ही एनर्जी लेवल दिखेगा। ड्राई फ्रूट्स में पोटेशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित और दिल को स्वस्थ रखने के काम आता है। इनके सेवन से पाचन और मल त्याग की समस्या दूर हो जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चिलगोजा में प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा पाया जाता है. इससे एनर्जी लेवल एक झटके में ही बढ़ जाता है. विटामिन ई के एंटीऑक्सीडेंट्स पावर की वजह से चिलगोजा स्किन के के लिए भी बहुत ही फायदेमंद है।
चिलगोजा ड्राई फ्रूट की खेती
जलवायु
चिलगोजा के पेड़ को ठंडी जलवायु पसंद है। यह 30°C तक के तापमान में बढ़ सकता है, लेकिन अत्यधिक गर्मी और नमी से बचता है। यह पेड़ ठंडी और शुष्क जलवायु में बेहतर तरीके से उगता है। इसकी खेती के लिए हिमालयी क्षेत्र सबसे उपयुक्त है, जहां सर्दियाँ लंबी और ठंडी होती हैं। मॉनसून के मौसम में अधिक वर्षा से पेड़ की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए ऐसे क्षेत्रों का चुनाव करें जहां वर्षा संतुलित हो।
मिट्टी
- चिलगोजा की खेती के लिए उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चुनाव करें।
- यह लाल मिट्टी, रेतली मिट्टी, या दोमट मिट्टी में बेहतर उगता है।
- मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। यह थोड़ा खारी मिट्टी में भी उग सकता है, लेकिन जल निकासी का ध्यान रखना आवश्यक है।
बुवाई और रोपाई
- चिलगोजा के बीज पाइन के पेड़ से प्राप्त किए जाते हैं। इन्हें बीजों से उगाया जाता है।
- बीज को बुवाई के पहले 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखा जाता है ताकि उनका अंकुरण अच्छा हो।
- बुवाई के लिए बीज को 1-2 इंच गहरे बोएं और पंक्तियों के बीच 5-6 फीट की दूरी रखें।
- रोपाई आमतौर पर रोज़ या शरद ऋतु में की जाती है, जब तापमान कम होता है और बारिश का जोखिम भी कम होता है।
चिलगोजा के पौधों को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, खासकर शुरुआती दिनों में।अत्यधिक सिंचाई से बचें क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं। सिंचाई का सबसे अच्छा तरीका ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिंचाई है। पेड़ के बड़े होने के बाद, इसे बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन सूखे मौसम में हल्की सिंचाई की जरूरत रहती है।
चिलगोजा ड्राई फ्रूट से होने वाली कमाई
चिलगोजा ड्राई फ्रूट की कीमत बात कर रहे है उस चिलगोजा ड्राई फ्रूट की कीमत 6 हजार रूपये किलो है। अगर आप इस ड्राई फ्रूट की खेती करते है तो आपको महीने का कम से कम 80 से 90 हजार का मुनाफा देखने को मिलेगा और आपको बता दे की इस ड्राई फ्रूट की खेत करना भी बहुत है आप इस ड्राई फ्रूट की खेती एक से दो एकड़ में भी कर सकते है। इस ड्राई फ्रूट की बाजार में बहुत डिमांड रहती है इस ड्राई फ्रूट को आप अपने रेट पर भी बेच सकते है।