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पशुपालको के लिए किसी खजाने से कम नहीं है ये रंगबिरंगी बकरी! बिकती है लाखो में…
पशुपालको के लिए किसी खजाने से कम नहीं है ये रंगबिरंगी बकरी! बिकती है लाखो में…, गूजरी बकरी भारत की एक प्रमुख देसी नस्ल की बकरी है, खासकर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। इन बकरियों को उनके दूध, मांस और ऊन के लिए जाना जाता है।
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गूजरी बकरी की विशेषताएं:
- शारीरिक बनावट: ये बकरियां मध्यम आकार की होती हैं, जिनके सींग छोटे और घुमावदार होते हैं। इनका शरीर मजबूत और मांसल होता है।
- रंग: इनका रंग भूरा, काला, सफेद या इन रंगों का मिश्रण होता है।
- दूध उत्पादन: गूजरी बकरी दूध की अच्छी मात्रा देती है। उनका दूध पौष्टिक होता है और दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- ऊन: इन बकरियों की ऊन महीन और गर्म होती है, जिसका उपयोग ऊनी कपड़े बनाने के लिए किया जाता है।
- अनुकूलन: ये बकरियां ठंडे और पहाड़ी मौसम के लिए अच्छी तरह से अनुकूल होती हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: इनमें कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है।
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गूजरी बकरी का महत्व:
- दूध उत्पादन: ये बकरियां पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए दूध का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
- आर्थिक लाभ: दूध, मांस और ऊन के उत्पादन से ग्रामीण लोगों को आर्थिक लाभ मिलता है।
- पर्यावरण संरक्षण: ये बकरियां चराई के माध्यम से पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखने में मदद करती हैं।
गूजरी बकरी की देखभाल:
- पोषण: इन बकरियों को संतुलित आहार दिया जाना चाहिए, जिसमें हरा चारा, सूखा चारा और खनिज लवण शामिल हों।
- स्वास्थ्य: इनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना चाहिए और बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाना चाहिए।
- आवास: इन्हें साफ और सूखा आवास प्रदान किया जाना चाहिए।