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किसानो को रातोरात अंबानी बना देगी इस जड़मूल की खेती! मार्केट में इसकी काफी डिमांड

किसानो को रातोरात अंबानी बना देगी इस जड़मूल की खेती! मार्केट में इसकी काफी डिमांड, मूली एक लोकप्रिय सब्जी है जिसे अपनी मीठी और तीखी स्वाद के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल की जाती है और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है। मूली की खेती करना अपेक्षाकृत आसान है और यह किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प हो सकता है।

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मूली की खेती के लिए आवश्यक परिस्थितियां

  • मिट्टी: मूली हल्की, दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से उगती है। मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होना चाहिए।
  • जलवायु: मूली ठंडे मौसम की फसल है। यह हल्की ठंड और पर्याप्त धूप में अच्छी तरह से बढ़ती है।
  • तापमान: आदर्श तापमान 15-20 डिग्री सेल्सियस होता है।
  • पानी: मूली को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर बढ़वार के शुरुआती चरण में।

मूली की उन्नत किस्में

  • देसी मूली: यह एक लोकप्रिय किस्म है जो विभिन्न आकारों और रंगों में उपलब्ध होती है।
  • लाल मूली: यह लंबी और गहरे लाल रंग की होती है।
  • सफेद मूली: यह छोटी और गोल होती है और इसका स्वाद मीठा होता है।

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मूली की बुवाई

  • बीज दर: प्रति हेक्टेयर लगभग 3-4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • बुवाई का समय: भारत में मूली की बुवाई रबी की फसल के रूप में की जाती है। उत्तरी भारत में बुवाई का समय अक्टूबर से जनवरी तक होता है, जबकि दक्षिणी भारत में यह सितंबर से दिसंबर तक की जाती है।
  • बुवाई की विधि: बीजों को पंक्तियों में या छिड़काव विधि द्वारा बोया जा सकता है।

मूली की देखभाल

  • सिंचाई: मिट्टी को हमेशा नम रखें, लेकिन जलभराव से बचें।
  • खाद: बुवाई के समय और फिर 30 दिनों के बाद खाद डालें।
  • निराई-गुड़ाई: खरपतवारों को नियमित रूप से निकालें और मिट्टी को भुरभुरा बनाए रखें।
  • कीट और रोग नियंत्रण: मूली को कई कीट और रोगों से खतरा होता है। जैविक कीटनाशकों का उपयोग करके इनका नियंत्रण किया जा सकता है।

मूली की कटाई

  • कटाई का समय: मूली को 45-60 दिनों में तैयार हो जाती है।
  • कटाई का तरीका: मूली को जड़ सहित निकाला जाता है।

मूली की पैदावार

  • पैदावार: प्रति हेक्टेयर 25-30 टन तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

मूली का उपयोग

  • खाने में: मूली को सलाद, सब्जी, अचार आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
  • दवा के रूप में: मूली में कई औषधीय गुण होते हैं। इसका उपयोग पाचन, खांसी और बुखार के इलाज में किया जाता है।

मूली की खेती से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • मूली की खेती कम लागत वाली होती है और इसमें कम समय लगता है।
  • मूली को ताजा या संरक्षित करके बेचा जा सकता है।
  • मूली की खेती किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय का स्रोत हो सकती है।

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